100 motivational “Krishna Anmol Vachan” in Hindi:
1. जो मनुष्य अपने कर्मों में लिप्त रहकर कर्तव्य पालता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
2. भगवान के भक्ति में निरन्तर रहकर ही हम आत्मा को पाते हैं।
3. सफलता की कुंजी समर्पण में है, और समर्पण में भगवान की प्राप्ति होती है।
4. जब हम अपनी इच्छाओं को त्यागकर भगवान के मार्ग पर चलते हैं, तो वह हमें सच्चे मार्ग पर ले जाते हैं।
5. जीवन में समस्याओं का समाधान करते समय भगवान की शरण में जाने की प्राथना करो, उनका सहारा जरूर मिलेगा।
6. अपने आत्मा को पहचानकर उसके गुणों का उपयोग करो, और भगवान के प्रेम में बढ़ते जाओ।
7. जब तुम अपनी कठिनाइयों को भगवान की ओर मोड़ते हो, तो वे कठिनाइयाँ आसानियों में बदल जाती हैं।
8. जीवन के संघर्षों में अपने मन को शांत रखो और भगवान का नाम जपते रहो, उनका सहारा कभी नहीं छूटेगा।
9. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त करते हैं।
10. जब तुम अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करते हो, तो सफलता खुद तुम्हारे पास आती है।
11. भगवान के प्रेम में खो जाने से हम अपने आत्मा को पा सकते हैं और सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
12. जीवन के हर पहलू में भगवान की अपूर्व लीला होती है, हमें उनके दिव्य रहस्यों को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
13. अपने आत्मा को शुद्धता और प्रेम के साथ भगवान की ओर ले जाओ, तब तुम सब कुछ पा सकोगे।
14. जब हम भगवान के भक्त बनते हैं, तो हमें उनका सहारा सदैव मिलता है और हम सभी परिस्थितियों से उच्चतम मार्ग पर चलते हैं।
15. अपने आत्मा को खोकर भगवान में मिलने का अनुभव करो, तब तुम सच्चे सुख को प्राप्त करोगे।
16. जब तुम अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करते हो, तो तुम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हो।
17. भगवान के नाम का जाप करते समय हमें उनकी दिव्यता का आनंद मिलता है और हमारा मन शां
त हो जाता है।
18. जीवन के सभी परिस्थितियों में भगवान के अद्वितीय प्रेम का अनुभव करो, और वह हमें सही मार्ग पर ले जाएंगे।
19. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की सीढ़ी पर चढ़ते हैं, और वह हमें सहायता करते हैं।
Krishna motivational anmol vachan
20. जीवन के हर पहलू में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
21. अपने मन को शुद्ध और भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
22. जब तुम अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करते हो, तो तुम्हारे पास सफलता की कुंजी होती है।
23. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम अपने आत्मा को पा सकते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
24. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
25. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
26. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
27. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
28. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
29. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
30. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
31. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
32. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
33. भगवान के प्रेम में लीन होकर हमआत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
34. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
35. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
36. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
37. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
38. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
39. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
Shree krishna anmol vachan
40. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
41. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
42. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
43. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
44. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
45. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
46. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
47. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
48. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सक
ते हैं।
49. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
50. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
51. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
52. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
53. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
54. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
55. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
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56. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
57. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
58. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
59. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
60. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
61. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
62. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
63. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
64. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता
की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
65. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
66. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
67. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
68. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
69. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सकते हैं।
70. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
Krishna anmol vachan
71. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
72. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
73. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सक्ते हैं।
74. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सक्ते हैं।
75. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
76. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
77. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
78. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सक्ते हैं।
79. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सक्ते हैं।
80. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
81. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
82. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पा सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
83. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सक्ते हैं।
84. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सक्ते हैं।
Radha krishna anmol vachan
85. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।
86. जीवन के हर क्षण में भगवान की दिव्य लीला होती है, हमें उनके आदर्शों का पालन करके आगे बढ़ना चाहिए।
87. अपने मन को भगवान के प्रेम में लीन रखकर हम आत्मा को पांच सकते हैं, और उनके प्रेम में बढ़ते जा सकते हैं।
88. भगवान के प्रेम में लीन होकर हम आत्मा को पाते हैं, और जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सक्ते हैं।
89. अपने कर्मों को भगवान के लिए समर्पित करके हम सफलता की ऊँचाइयों को छू सकते हैं, और उनका सहारा पा सक्ते हैं।
90. भगवान के प्रेम में खोकर हम आत्मा को पाते हैं, और उनके दिव्य आदर्शों का पालन करके हम सही मार्ग पर चलते हैं।